समस्या या बाधा से निवारणः
घर की महिलाएं यदि किसी समस्या या बाधा से पीड़ित हों, तो निम्नलिखित प्रयोग करें।
सवा पाव मेहंदी के तीन पैकेट (लगभग सौ ग्राम प्रति पैकेट) बनाएं और तीनों पैकेट लेकर काली मंदिर या शस्त्र धारण किए हुए किसी देवी की मूर्ति वाले मंदिर में जाएं। वहां दक्षिणा, पत्र, पुष्प, फल, मिठाई, सिंदूर तथा वस्त्र के साथ मेहंदी के उक्त तीनों पैकेट चढ़ा दें। फिर भगवती से कष्ट निवारण की प्रार्थना करें और एक फल तथा मेहंदी के दो पैकेट वापस लेकर कुछ धन के साथ किसी भिखारिन या अपने घर के आसपास सफाई करने वाली को दें। फिर उससे मेहंदी का एक पैकेट वापस ले लें और उसे घोलकर पीड़ित महिला के हाथों एवं पैरों में लगा दें। पीड़िता की पीड़ा मेहंदी के रंग उतरने के साथ-साथ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।
व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
कामण प्रयोगों से होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए दक्षिणावर्ती शंखों के जोड़े की स्थापना करें तथा इनमें जल भर कर सर्वत्र छिड़कते रहें।
हानि से बचाव तथा लाभ एवं बरकत के लिए गोरोचन, लाक्षा, कुंकुम, सिंदूर, कपूर, घी, चीनी और शहद के मिश्रण से अष्टगंध बनाकर उसकी स्याही से नीचे चित्रित पंचदशी यंत्र बनाएं तथा देवी के १०८ नामों को लिखकर पाठ करें।
बाधा मुक्ति के लिए : किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्ति के लिए मत्स्य यंत्र से युक्त बाधामुक्ति यंत्र की स्थापना कर उसका नियमित रूप से पूजन-दर्शन करें।
अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए : यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे- बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अपने बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यह प्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
रुद्राक्ष या स्फटिक की माला के प्रयोगों से प्रतिकूल परिस्थितियों का शमन होता है। इसके अतिरिक्त स्फटिक की माला पहनने से तनाव दूर होता है।
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