Friday, January 19, 2018

घर में इस दिशा में श्री गणेश बैठाकर करें पूजा

घर में इस दिशा में श्री गणेश बैठाकर करें पूजा

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बुद्धि, ज्ञान और धन जीवन की ऐसी जरूरते हैं, जिनमें से एक के भी अभाव से पैदा रुकावटें जीवन में निराशा और असफलता ही लाती है। इन जरूरतों और विघ्रों से बचने के लिए ही हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की पहली पूजा शुभ मानी गई है।

खासतौर पर घर में श्री गणेश की स्थापना सुख-समृद्ध बनाने वाली मानी गई है। वैसे तो किसी भी रूप में गणेश पूजा अशुभ नहीं, किंतु शास्त्रों में बताई दिशा को ध्यान रख भगवान गणेश की प्रतिमा देवालय में रखी जाए तो यह अपार बुद्धि, धन और ज्ञान की कामनाएं सिद्ध करती हैं। जानते हैं कौन-सी है यह दिशा?

शास्त्र लिखते हैं कि -

हेरम्बं तु यदा मध्ये ऐशान्यामच्युतं यजेत्।

आग्रेय्यां पञ्चवक्त्रं तु नैऋत्यां द्युमणि यजेत्।

वायव्यामम्बिकां चैव यजेन्नित्यमतन्द्रित:।।

इस मंत्र द्वारा बताया गया है कि घर की ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित देवालय में भगवान गणेश की प्रतिमा पश्चिम दिशा की ओर मुख कर रखें। अगर पंचदेवता बैठाएं तो श्री गणेश को बीच में विराजित करें।

- श्री गणेश से ईशान दिशा यानी उत्तर-पूर्व में श्री विष्णु,

- आग्रेय यानी दक्षिण-पूर्व में शंकर,

- नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम में सूर्य और

- वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में मां दुर्गा बैठाएं।

शास्त्रों में ईशान दिशा स्वर्ग की दिशा और इस दिशा में मुख कर मंत्र ध्यान या जप ज्ञान और ज्ञान से बुद्धि व धन की वृद्धि करने वाला माना गया है।
दुरूपयोग और गोपनीयता की दृष्टि से विधि अधूरी प्रकाशित की गई है

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