आदेश शब्द का अर्थ
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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नाथ योगी अलख(अलक्ष) शब्द से अपने इष्ट देव का ध्यान करते है। परस्पर आदेश या अलख शब्द से अभिवादन करते हैं। अलख और आदेश शब्द का अर्थ प्रणव या परम पुरुषहोता है जिसका वर्णन वेद और उपनिषद आदि में किया गया है।
गोरखनाथ का मानना था कि सिद्धियों के पार जाकर शून्य समाधि में स्थित होना ही योगी का परम लक्ष्य होना चाहिए। शून्य समाधि अर्थात समाधि से मुक्त हो जाना और उस परम शिव के समान स्वयं को स्थापित कर ब्रह्मलीन हो जाना, जहाँ पर परम शक्ति का अनुभव होता है।
आदेश गायत्री जाप
ॐ नम आदेश गुरान्जी कूँ आदेश , ॐ आदेशाय विद्महे | सोहं आदेशाय धीमहि नन्नोआदेशनाम प्रचोदयात् ||
आदेश नाम गायत्री जाप उठन्ते अनुभवदेवा| सप्त दीप नव खण्डमें आदेश नामकी सेवा || आदेश नाम अनघड़की काया ररंकारमें झंकार समाया | सोहंकारसे ॐ उपाया वज्र शरीर अमर करी काया || आदेश नाम अमृत रस मेवाआद जुगाद करूँ मै सेवा | आदेश नाम अनघड़जीने भाख्या लख चौरासी पड़ता राख्या || आदेश नाम पाखान तराई आदेश नाम जपोरे भाई | आदेश नाम जपन्ते देवा व्रह्मा विष्णु महेश्वर एवा || सिद्ध चौरासी नाथ नव जोगी आवा गमन कदे नहि भोगी | राजा प्रजा जपै दिन राति दूध पूत घर संपति आति || आदेश नाम गायत्री सार जपो भौ उतरो पार | आदेश नाम गायत्री उत्तम जपतांवार न कीजै जनम || इतना आदेश नाम गायत्री जापसम्पूरणं सही | अटल दलीचे वैठके श्रीनाथजी गुरुजी ने कही ||
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