Sunday, January 14, 2018

ज्ञान गंगा

ज्ञान गंगा


दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      
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हमारा ऋग्वेद हमे बांटकर खाने को कहता है...!
हम जो अनाज खेतों मे पैदा करते है, उसका बंटवारा तो देखिए...!

1, जमीन से चार अंगुल भूमि का,
2, गेहूं के बाली के नीचे का पशुओं का,
3, पहले पेड़ की पहली बाली अग्नि की
4, बाली से गेहूं अलग करने पर मूठ्ठी भर दाना पंछियो का,
5, गेहूं का आटा बनाने पर मुट्ठी भर आटा चीटियो का फिर आटा गूथने के बाद
6, चुटकी भर गुथा आटा मछलियो का,
7, फिर उस आटे की पहली रोटी गौमाता की ----------और,
8, पहली थाली घर के बुज़ुर्ग़ो की और फिर हमारी और,
9, आखरी रोटी कुत्ते की,

उच्छिष्ट --गाय के बछड़े के पीने के बाद दुहा गया दुग्ध ,
शिवनिर्माल्य --शिव जी के ऊपर चढ़ी वस्तु -जैसे गंगा जी ,
वमन--मुख से निकली हुई --जैसे मधुमक्खी फूलों का रस चूसकर पुनः उसे मुख से निकाल कर मधु बना देती है अर्थात मधु ,
शव का वस्त्र ---कोशे का वस्त्र --इसे कीड़े के मरने के बाद उसके ऊपरी भाग के रेशे से बनाते हैं |
यह कौशेय वस्त्र चूँकि कीड़े के मरने के बाद बनता है इसलिए उससे सम्बद्ध होने के कारण ही इसे शववस्त्र कहा गया है |
और कौवे की विष्ठा से उत्पन्न --पीपल ---ये ५ वस्तुएं अति पवित्र मानी गयी हैं |


ये हमे सिखाती है हमारी भारतीय संस्कृति और मुझे गर्व है कि मै इस संस्कृति का हिस्सा हूं |

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )