नवदुर्गा स्तोत्रम्
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है॥देवी शैलपुत्री॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥1॥
मैं अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए देवी शेलपुत्री की पूजा करता हूं, जो उसके सिर पर चंद्रमा सुशोभित है बैल पर सवार हैं, त्रिशूल हैं और वह अदभुत हैं
॥देवी ब्रह्मचारिणी॥
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥2॥
देवी ब्रह्चाकारी, जो माला और कमांडलू को अपने हाथ में रखती हैं मुझ पर कृपा करें
॥देवी चन्द्रघण्टा॥
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥3॥
हे देवी चंद्रघंटा , जो सिंह पर सवार है, दसों हाथों में विभिन शास्त्रों से शुशोभित शत्रु को भयभीत करने वाली मेरा कल्याण करे ।
॥देवी कूष्माण्डा॥
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥4॥
देवी कुष्मंदा के कमल हाथों में सूरा ( मदिरा )और रक्त से भरे दो कलश है, माँ मेरे लिए अनुकूल हो।
॥देवी स्कन्दमाता॥
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥5॥
स्कंदमाता, जो कार्तिकेय के साथ सिंह पर सवार हैं, वरमुद्रा और हाथों में कमल से शुशोभित माँ मेरे लिए अनुकूल हो।
॥देवी कात्यायनी॥
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना|
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि ॥6॥
देवी कात्यानी , जो दस हाथों में चन्द्रहास तलवार और अन्य शस्त्रों से शुशोभित सिंह पर सवार असुरों का नाश करने वाली माँ मेरा कल्याण करे |
॥देवी कालरात्रि॥
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता,
लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा,
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥7॥
गधे पर सवार वह नग्न है, लंबी जीभ, चमकदार शरीर बिजली की तरह पैरों में गहने पहने हुए, श्याम वर्ण की, खुले केशों वाली , बड़ी आँखें और कान और बहुत भयानक दिखते हैं। कलरात्री के इस रूप से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और दूसरों के द्वारा किये गए सभी दुष्कर्म नष्ट हो जाते हैं ।
॥देवी महागौरी॥
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा ॥8॥
देवी महागौरी जो सफेद बैल पर सवार हैं, शुद्ध सफेद वस्त्र धारण किये हुए खुशी की दाता हैं, मेरे लिए अनुकूल हो।
॥देवी सिद्धिदात्रि॥
सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥9॥
सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवता , राक्षस इत्यादि से पूजित देवी सिद्धिदात्री, उनके हाथों में शंख, चक्र, गधा और कमल से शुशोभित हैं, सभी सिद्धियों और सभी को विजयश्री सिद्धि देने वाली माँ मेरे लिए अनुकूल हों ।
॥इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम्॥
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