हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए
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जो कोई भी श्रद्धाभाव से हनुमान जी की सेवा आराधना करता है, उसकी मनोकामनाएं निश्चय ही पूर्ण होती हैं। उसके चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) सिद्ध हो जाते हैं। हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए निम्न श्लोकों का पाठ करना चाहिए।
जयत्यतिबलो रामो लक्ष्मणश्च महाबलः। राजा जयति सुग्रीवो राघवेणाभिपालितः।। दासोऽहं कोसलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्ट कर्मणः। हनूमा´्शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मजः।। न रावणसहस्रं मे युद्धे प्रतिबलं भवेत्। शिलाभिश्च प्रहरतः पादपैश्च सहस्रशः।। अर्दयित्वा पुरीं लंकामभिवाद्य च मैथिलीम्। समृद्धार्थो गमिष्यामि मिषतां सर्वरक्षसाम्।।
(वा.रा. 5/42/33-36) हनुमान वाहक के पाठ से सभी पीड़ाएं दूर हो जाती हैं। हनुमान जी की भक्ति स्त्री, पुरुष, बालक, वृद्ध सभी समान रूप से कर सकते हैं। भक्त की भक्तवत्सलता, श्रद्धा भाव, संबंध, समर्पण ही श्री हनुमान जी की कृपा का मूल का मंत्र है।
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