सूर्य के बारह रूप भाव
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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सूर्य का रूप पिता के रूप मे माना जाता है,
पहले भाव का सूर्य अपना पिता होता है,
दूसरे भाव का सूर्य जीवन साथी के ताऊ के रूप मे जाना जाता है
तीसरा सूर्य जीवन साथी का पिता माना जाता है
चौथा सूर्य माता का पिता माना जाता है
पंचम सूर्य भाभी का पिता माना जाता है
छठा सूर्य जीवन साथी के मामा मौसी का पिता माना जाता है
सप्तम सूर्य जीवन साथी का पिता माना जाता है
अष्टम सूर्य खुद के ताऊ के रूप मे जाना जाता है
नवा सूर्य खुद के पिता के रूप मे होता है
दसवा सूर्य भाभी के मामा के रूप मे माना जाता है
ग्यारहवा सूर्य पुत्र वधू के पिता के रूप मे जाना जाता है
बारहवा सूर्य खुद की मामी मौसा का पिता का माना जाता है
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