ऋण मुक्ति साधना
मंत्र:ऊँ अैं ह्रीं श्रीं सं सिद्धिदा। साधय साधय स्वाहा।
विधि
रात्रि 12 बजे के बाद ही धूप दीप जलाकर उपरोक्त मंत्र का 1188 बार जप करें। यह कार्य 21 दिनों तक लगातार करें। 21वें दिन 108 मंत्रों से कमल पुष्प की गोघृत के साथ आहुति दें, तो निश्चय ही इस मंत्र से अनायास धन प्राप्त होगा और धन वृद्धि भी होगी। ग्रहण काल में घृत-दूर्वा-काली मिर्च-जटामांसी स्त्री मिलाकर 108 आहुतियां अवश्य देते रहें व एक माला जप नित्य करें।
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