मोरपंख
भगवान श्रीकृष्ण का अपने मुकुट पर मोर पंख को स्थान देना, इन्द्र देव का मोर पंख के सिंहासन पर बैठना, पौराणिक काल में महर्षियों का मोर पंख की कलम से बड़े-बड़े ग्रंथ लिखना- ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो मोर पंख की उपयोगिता को बयां करते हैं। समस्त शास्त्रों, ग्रंथों, वास्तु और ज्योतिष शास्त्रों में भी मोर के पंख को अहम स्थान दिया गया है।
1. मोर पंख को घर में किसी ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां से वो आसानी से दिखायी देता रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि मोर पंख घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियों को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा यानी पॉजिटिव एनर्जी का संचार करता है।
2. घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में मोर पंख लगाने से अचानक आने वाली परेशानियां कम होती है
3. यदि आपको साँप, बिछू का डर लगा रहता है तो मोर पंख पूर्वी दीवार पर लगाये या अपनी जेब या किताब में रखे लाभ होगा।
4. यदि आपके घर कोई व्यक्ति बहुत जिद्दी है तो एक मोर पंख ऊपर पंखे में लगा दे। पंख को इस प्रकार लगाये के जब पंखा चले तो मोर पंख की हवा भी उसको लगे.। धीरे-धीरे उस व्यक्ति की हठ काम होने लगेगी।
5. रात को बुरे सपने आते है तो मोर पंख अपने सरहाने रखने से शांति मिलती है।
ज्योतिष में भी मोर पंख का उपयोग किया जाता रहा है, काल सर्प दोष के असर को भी कम करने 4 मोर पंख को अपने तकिये के नीचे रख सकते है या अपने बैडरूम की पश्चिमी दीवार पर लगा सकते है। इसके अलावा कृष्ण जी को भी मोर पंख चढ़ाने से सुख-शांति में वृद्धि होती है
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