Friday, April 7, 2017

नवरात्री पर घर में लगाएं ये पौधा

नवरात्री पर घर में लगाएं ये पौधा  


नवरात्री पर बिना किसी को बताए घर में लगाएं ये पौधा होगी अपार धन की वर्षा
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसके हिसाब से हम लोग हर चीज करते है। जिससे कि घर में खुशहाली आए, घन की कमी न हो साथ ही परिवार के किसी भी व्यक्ति को कोई भी समस्या न हो। इसके कारण हम वास्तु के अनुसार हर चीज को उठा कर रखते है, लेकिन क्या आप जानते है कि घर में लगाएं पेड़-पौधें भी अपनें घर में लगानें से विशेष लाभ मिलता है। हिन्दू नववर्ष के आरम्भ के साथ ही नवरात्र का भी आरम्भ होता है इसलिए नए साल पर घर में इन पौधों का रोपन करने से खुशियों की भरमार होगी। तो आइए जानते हैं कि घर में किन पौधों का रोपन करना शुभ होता है।

विवाह में आ रही रुकावट या घर की सुख-शांति को बरकरार रखने के लिए घर के पिछले भाग में केले का पौधा लगाना चाहिए। प्रतिदिन इस केले के पौधे की पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

घर में हरसिंगार का पौधा लगाना शुभ होता है। इस पौधे की सुगंध से घर का वातावरण शुद्ध होता है और मानसिक शांति मिलती है। इस पौधे को घर के मध्य या पीछे लगाना चाहिए।

तुलसी एक पवित्र पौधा है। इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। घर में इस पौधे को लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। प्रतिदिन तुलसी के आगे दीपक प्रज्वलित करने से शुक्र ग्रह बलवान बनता है।

घर में अनार का पौधा लगाने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव, तंत्रमंत्र आदि के प्रभाव कम होते हैं। यदि अनार के फूल को शहद में डूबोकर हर सोमवार भगवान शिव को अर्पित करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। शमी का पौधा घर में लगाने से शनिदेव के क्रोध से बचा जा सकता है। प्रतिदिन इस पेड़ की पूजा करनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार मुख्यद्वार के बाईं ओर शमी का पौधा लगाकर नियमित सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
गुडहल के पौधे का संबंध सूर्य और मंगल ग्रह से होता है। हनुमान जी को गुडहल का फूल अर्पित करने से मंगल ग्रह प्रसन्न होता है। प्रतिदिन पूजा करने से पारिवारिक सदस्यों के यश में वृद्धि होती है।

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )