विविध कार्य-साधक अम्बिका मन्त्र
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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ॐ आठ-भुजी अम्बिका, एक नाम ओंकार।
खट्-दर्शन त्रिभुवन में, पाँच पण्डवा सात दीप।
चार खूँट नौ खण्ड में, चन्दा सूरज दो प्रमाण।
हाथ जोड़ विनती करूँ, मम करो कल्याण।।
नित्य 108 जप करके जो भी प्रार्थना की जायेगी, पूरी होगी। सिद्ध मन्त्र है, अलग से सिद्ध करना आवश्यक नहीं है। नित्य कुछ जप पर्याप्त है।
8 1 6
3 5 7
4 9 2
कुछ प्रयोग निम्नलिखित है - चुटकी में राख लेकर 3 बार अभिमन्त्रित करके मारने से लगी आग बुझ जायेगी, भूत-प्रेतादि दूर होंगे, बुखार उतर जायेगा, नजर आदि दूर होगी।
शत्रुनाषार्थ- 1 नारियल, 2 नींबू, एक पाव गुड़, 1 पैसा भर सिंदूर, अगरबत्ती और नींबू बंध सके, इतना लाल कपड़ा। शनिवार को रात में कण्डे की आग जलाकर पूर्वाभिमुख बैठकर कण्डे की राख 1 चुटकी लेकर उस पर 1 बार मन्त्र पढकर शत्रु की दिशा में फेंके, ऐसा तीन बार करें। फिर कहे कि ‘‘मेरे अमुक शत्रु का नाश करो’’ और 1 नींबू काटकर आग पर निचोड़ें। फिर शेष बचा नींबू और सिन्दूर कपड़े में लपेट कर रात भर अपने सिरहाने रखे और सवेरे पहर 3-4 बजे उसे शत्रु के घर में फेंक दे या किसी से फिंकवा दें। नारियल, अगरबत्ती और गुड़ किसी देवी मन्दिर में चढ़ा दें। प्रसाद स्वयं न खाए। शत्रु का नाश होगा।
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