Saturday, February 15, 2020

गर्भ-स्तम्भन मन्त्र

गर्भ-स्तम्भन मन्त्र 

दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, यंत्र, टोटका, वास्तु, कुंडली, हस्त रेखा, राशि रत्न,भूत प्रेत, जिन, जिन्नात, बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण, पितृ दोष, कालसर्प दोष, चंडाल दोष, गृह क्लेश, बिजनस, विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      
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“शुद्ध बुद्ध को ठकुरा बाँधो, गर्भ रहे जी ठहर पाके फूटे बीज गिरे । श्री रामचन्द्र जी, हत्या तोहे परे । ईश्वर तेरी साख, गौरा गाँडा बाँध के नौ महीना राख । ताला झिन्ना न झरै, पट-पट बीधे ताल । लोहू जामुन दे गए, ब्रह्मा और मुरार । ऊँचे चढ़े न नीचे धँसे, धँसे तो महा-देव की जटन में परै । इतनी चुकरियाँ अमृत की भरीं, सो सीता के अङ्ग: धरीं । राख कोख लक्ष्मण जती, नौ महीना के बाद लक्ष्मणकुमार की आन । विष्णु की आन, राजा वासुकि की आन ।।”


विधि – 
पहले दीपावली में १०८ होम धी-गुगल के देकर जगाए । फिर काले धागे का गण्डा बनाकर गर्भिणी को गले या कमर में पहनाएँ, तो गर्भ स्थिर रहे । बच्चा होने पर उतार दें ।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )