Wednesday, March 4, 2020

नमस्तु मात हिंगलाज

नमस्तु मात हिंगलाज




दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      

Contact 9953255600 


नमस्तु मात हिंगलाज
होग फीण छंद

प्रचंड दंड बाहु चन्ड योग निद्रा भेरवीभुजंग केश कुन्डलाय कन्ठला मनोहरीनिकंद काम क्रोध दैत्य असुर काल मर्दनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी 

रक्त सींग आसनी सावधान संकरीकुठार खडग खप्रधार कर दलन महेश्वरीनिसम्भ सम्भ रक्तबीज देत्य तेज गंजनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

ज्वाहिर रत्न बेल केल सर्व कर्म लोलनीव्याल माल चंद्र केत पुष्प माल मेखलीचंन्ड मुन्ड गर्जनी सुनाद बिन्द वासनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

गजेन्द्र चाल काल धुम सेतुं चाल लोलनीउदार तेज तिमर नास सुसोभे शेश संकरीअनाद सिध्ध साद लोक सप्त दिप बिराजनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

शैल शिखर राजनी जोग जुगत कारनीचंड मुन्ड चुरकर सहस्त भुज दायनीबिकराल केश भेश भुत अन्त रूप दायनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

कलोल लोल कोचनी आनद कुद दायतीहद्य कपाट खोलनी सुरेश शब्द भासनीधर्मकर्म जन्म मात भली मुक्ती दायतीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

अलोक लोक राजनी दिव्य देव वरदायनीत्रीलोक शोक हारणी सत्य वाक्य बोलनीआदि अंत मद्य मात तेरो रूप सर्जनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

कुबेर वरूण इन्द्र आदि सिद्धि साद रंजनीअगम पंथ दर्श मात जन्म कष्ट हारणीश्री राम चंन्द्र शरण मात अमर पद दायनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

शेश सार नार दाहि योग निद्रा भेरवीगंध मदन केल करत मंग दैत्य मर्दनीअंब खंब फाडनी हव्य कव्य दायनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

अष्ट हंस गर्जनी त्रिसुल चक्र धारनीकाल कन्ठ कुठ ब्याल मुन्डमाल धारनीधुमधार श्वेतरूप दैत्य गर्भ भंजनीनमस्तुं मात हिंगलाज निरमला निरंजनी

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )