बृहस्पति
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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बृहस्पति - धनु, मीन राशी तथा ईशान (उत्तरपूर्व) दिशा का स्वामी
अधिदेवता :- इन्द्र, ब्रह्मा श्री लक्ष्मीनारायण
वाहन :- हाथी,
मित्रग्रह :- सूर्य , चन्द ,्र मंगल,
समग्रह :- राहु,केतु,शनि
शत्रुग्रह :- बुध,शुक्र
उच्च राशी :- चैथा घर,
नीच राशी :- दसवाँ घर
संबंधित वार :- गुरूवार
समय : सूर्योदय से 8 बजे तक
प्रभावित अंग ः गर्दन, नाक,ललाट,कान,नाक का अग्र भाग
संबंधित पशु ः बब्बर शेर,शेरनी,भूरा रीछ,चींटी
संबंधित वृक्ष ः पीपल का वृक्ष
अनाज,पदार्थ ः चने की दाल,हल्दी,केसर,कस्तूरी
बृहस्पति मंत्र
पुराणोक्त मंत्र
देवानां च ऋषिणां च गुरू कांचन सन्निभम।
बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम।।
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः
ऊँ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः।
ऊँ बृं बृहस्पतये नमः
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