ग्रहों का प्रभाव नशे कि लत GRAHON KA PRABHAV NASHE KI LAT
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नशे की लत आज समाज को अंदर ही अंदर खोखला कर रही हैं। नशे रूपी दानव दिन प्रतिदिन विकराल होता जा रहा हैं। आज छोटे छोटे बच्चों से लेकर बडे बुजुर्ग तक नशे के शिकार बन चुके हैं। समाज में व्यापत अनेक अपराध नशे के कारण ही पनप रहे हैं। नशे का सबसे भयंकर रूप तब देखने को मिलता हैं जब किसी को इसकी लत पड जाती हैं। वह लाख प्रयत्न करने के बाद भी इस समस्या से बहार नही आ पाता।
जन्म कुंडली में नशे के योग
ज्योतिष शास्त्र कि सहायता द्वारा यह जाना जा सकता हैं, कि कौन व्यक्ति नशा कर सकता हैं, कौन नही और साथ ही यह भी जाना जा सकता हैं कि व्यक्ति किस प्रकार का नशा करेगा। ग्रहों की जिन परिस्थितियों के कारण व्यक्ति नशे का अभ्यस्त होता है आइये उन परिस्थितियों के बारे में जानें-
नशे के लिये राहु-केतु की भूमिका-
राहु का प्रभाव दैत्य के समान हैं। जन्म कुंडली में राहु का अत्यधिक बलवान होना नशे की और व्यक्ति का रुझान दर्शाता हैं। जितनी भी बुरी लत हैं, उनका कारक राहु ही हैं। राहु यदि जन्म कुंडली के 1,2,7 तथा 12वें स्थान में स्थित हो तो जातक नशा करने वाला होता हैं। राहु का सबसे अधिक प्रभाव दूसरे स्थान पर होने से पडता हैं। राहु के द्वारा प्रदत नशों में धुम्रपान प्रथम नम्बर पर है।
चंद्र बनाता हैं शराबी-
वैदिक ग्रंथो में चंद्र को मादक प्रदार्थ व नशे का कारक माना गया हैं। सोमरस के बारे में आपने अवश्य सुना होगा। यह चंद्र के नाम पर ही पडा है। चंद्र सुगंधित द्रव्य का कारक ग्रह हैं। चंद्र यदि लग्न या दूसरे स्थान पर हो तथा 6,11 स्थान के मालिक का उस पर प्रभाव हो या राहु का प्रभाव हो तो व्यक्ति भयंकर शराबी होता हैं।
शुक्र व मंगल ऐसे ही बना देते हैं शराबी
मंगल का प्रभाव लग्न पर हो तो जातक नशे के साथ साथ मांस या अभक्ष्य भोजन का प्रयोग करता हैं। यें देखा देखी व प्रभाव जमाने के लिये नशे की शुरुआत करते हैं। ऐसे व्यक्ति नशे में दंगा या लडाई झगडा करते हैं। शुक्र ग्रह के प्रभाव वाले जातक भोग व आनन्द के लिये नशे की शुरुआत करते हैं।
नशा मुक्ति के उपाय-
नशे से मुक्ति के लिये समाज में अनेक उपाय व दवाईयां मौजूद हैं, इन उपायों के द्वारा कुछ समय के लिये राहत भी मिल जाती हैं। लेकिन ये उपाय लम्बे समय तक प्रभावशाली नही रह पाते। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से नशे को हमेशा के लिये अलविदा कहा जा सकता हैं-
1- गले में एकमुखी रुद्राक्ष को स्वर्ण में धारण करने से नशे से मुक्ति हो जाती हैं।
2- शुक्र व रविवार के दिन देवी अराधना करना या उपवास करना नशे से मुक्ति देती हैं।
3- पुखराज स्वर्ण में धारण करना और गले में हल्दी की माला धारण करना नशे से कोशो दूर कर देता हैं।
4- श्री सूक्त का 11000 बार स्वयं पाठ करें। जिंदगी बदल जायेगी। नशे की लत से तो अवश्य मुक्ति मिलेगी। साथ ही धन व सम्पति से चारों तरह आन्नद रहेगा।
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