वास्तुशास्त्र और वृक्ष
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता हैप्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी वृक्ष और पौधे मानव के कल्याण के लिए है। पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए पौधों का विशिष्ट महत्व है। विभिन्न रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद में जड़ी-बूटियां, वृक्षों की छाल, फल, फूल व पत्तों से निर्मित औषधियों का बहुत महत्व है। कुछ पौधों की जड़ों का तंत्र में बीही प्रयोग होता है। गृह और औद्योगिक वास्तु में बगीचा उत्तर, पूर्व व ईशान में बनाया जा सकता है। बगीचे में फूलों वाले पौधों को ही अधिक लगाना चाहिए। कैकट्स व ढूध वाले वृक्ष गृह या व्यावसायिक वास्तु में नहीं लगाने चाहिए। आज हम यहाँ बड़े-बड़े वृक्षो व पौधों का उल्लेख कर रहे है।
बरगद
घर से पूर्व दिशा में वट वृक्ष होना शुभ माना गया है। इससे व्यक्ति की कामनाओं की पूर्ति होती है। आग्नेय दिशा में होने पर पीड़ा व मृत्यु देने वाला है। पश्चिम में राजपीड़ा , स्त्रीनाश व कुलनाश होता है। इसकी छाल, दूध, जटाओं और कोपलों का आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
अनार
आनार एक स्वादिष्ट एवं पौष्टिक फल है। यह फल ह्रदय रोग, संग्रहणी, वमन में लाभकारी व बल वीर्यवर्धक है। घर से आग्नेय दिशा में लगाना शुभ माना गया है। बंजर जाती के अनार का वृक्ष घर में नहीं होना चाहिए।
गुलर
घर से दक्षिण दिशा में इसे शुभ माना गया है। यह उत्तर दिशा में होने से नेत्र रोग देता है।
जामुन
इसके पौधे सड़क के किनारे व बाग-बगीचों में लगाये जाते है इसके काले-मीठे फल बहुत ही स्वादिष्ट व गुणकारी होते है। यह पौधा घर से दक्षिण व नैऋत्य के बीच में लगाना शुभ माना गया है।
कादम्ब
इसके फल नींबू के समान होते है। फलों के ऊपर ही छोटे-छोटे सुगंध उक्त फुल लगते ह। इसे घर से दक्षिण व नैऋत्य के वीच लगाना शुभ माना जाता है।
इमली
इमली की स्वदिष्ट चटनी बनाई जाती है इसके पत्तो का शाक बनाया जाता है। इसे घर से नैऋत्य में लगाना शुभ माना जाता है।
पीपल
शनिवार को पीपल के पेड़ को कच्चे दूध और जल से सींचने पर शनि के अशुभ प्रभावो में कमी आती है और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। अग्नि पुराण के अनुसार घर से पश्चिम में पीपल का वृक्ष होना अत्यंत शुभ माना जाता है यह पूर्व में होने पर भय और निर्धनता देने वाला व अग्नेय में पीड़ा और मृत्यु कारक होता है।
बेल
बेल के पत्ते शिव-पूजा में काम आते है। शिवरात्रि को इन पत्तों से शिवलिंग की पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं। इस वृक्ष का घर से वायव्य में होना शुभ माना गया है।
आंवला
अनेक रोगों के उपचार में इसका प्रयोग होता है। आंवले का मुरब्बा बहुत ही गुणकारी होता है। घर से ईशान में इसका होना शुभ माना गया है।
आम
आम का कच्चा फल कई रोगों के उपचार में काम आता है। घर से ईशान और पूर्व के मध्य में होने पर शुभ माना गया है फल देने वाले वृक्ष घर में होने से संतान नाश का भय रहता है।
कटहल
कच्चे कटहल का शाक बनता है। पक जाने पर अन्दर का गुदा खाया जाता है घर में इसे नहीं लगाया जाता। घर से बाहर ईशान और पूर्व के बीच में होने पर शुभ माना गया है।
तुलसी
तुलसी का पौधा घर के आंगन में होना शुभ माना जाता है इसकी पूजा करने से विष्णु भगवान परसन्न होते है तुलसी, कड़वी, गरम व पित्त वृद्धिकारक व कफ नाशकारक होती है।
सूरजमुखी
इसे घर के ईशान में लगा सकते हैं इसके फूल सूर्य के उदय होने पर ख़िल उठते हैं और जैसे-जैसे सूर्य देव पूर्व से पश्चिम में घुमाते है यह भी घूमता है। इससे इसका नाम सूरजमुखी पड़ा है।
No comments:
Post a Comment