Tuesday, September 24, 2019

लाल गूंजा (चिरमी) का प्रयोग

लाल गूंजा (चिरमी) का प्रयोग

रविवार को पुष्य नक्षत्र हो । शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र हो, कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हस्त नक्षत्र हो, चतुर्दशी को स्वाति नक्षत्र हो, या पूर्णिमा को शतभिषा नक्षत्र हो तब अर्धरात्रि मे निःशंक होकर धूप, दीप करके रक्त गुंजा की जड निकालकर लाये । विधि से लाई गई जड का ये प्रयोग करे ।

इस कि जडी को मुधु के साथ घिसकर अंजन (काजल) किया जाए 
तो उसे वीर, वैताल दिखाई देता है । जब ये दिखाई दे तब आप अपने किसी र्काय करने को कह करवा सकते है । यदि इस जडी को दूध मे घिसकर उसका सारे अंग पर लेपन किया जाए तो भूत-प्रेत तथा यक्ष आदि सदा उसके साथ फिरते रहते है ।

इस जड को ताँबे के ताबीज मे मढाकर जो स्त्री कटिभाग पर बाधती है उसे 9 माह मे अवश्य ही पुत्र की प्रप्ति होती है ।

इसकी जड को वशीकरण के कार्य मे भी उपयोग किया जाता है ।

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )