कौवे से संबंद्ध शकुन KAUNVE KA SHAKUN
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कौवे से संबंद्ध शकुन
-- कौआ अगर अपना घोंसला, वृक्ष पर उत्तर तथा पूर्वी दिशा की डाली पर बनाता है, तो इसका तात्पर्य था कि बहुत अच्छी वर्षा होगी। पैदावार बढ़ेगा तथा लोग निरोग व कुशल रहेंगे।
-- वृक्ष पर अग्निकोण व ईसान कोण में घोंसला डालने पर दूर्भिक्ष, दक्षिण की तरफ घोंसला बनाने पर पृथ्वी पर हाहाकार व दुर्भिक्ष, नैॠत्य कोण में सुनिप्र तथा पश्चिम की तरफ बनाने पर, थोड़ी वर्षा तथा कम पैदावार होती है।
-- वृक्ष की ऊपरी शिखा पर घोंसला बनने पर सुभिक्ष, अधबिच की डाली पर बनने से वर्षा के तथा पैदावार की कमी मानी जाती है।
-- छोटी खेजड़ी (शमी वृक्ष) पर बना कौवे का घोसला, देश में उत्कापात, महामारी व चोरों के उत्पात की ओर इशारा करता है।
-- सूखे वृक्ष पर बना कौवे का घोसला राजविग्रह, दुर्भिक्ष तथा महाअनिष्ट का परिचायक है।
-- सूने घर, मंदिर व पर्वत शिखर पर बना घोंसला राज्य- विग्रह का सूचक है।
-- कागभाला विचार के अनुसार ""जो काग मनुष्य रा माथा ऊपरे बैसे तो छ मास मांहे मरण कहै अथवा छः महीना रो आउषो घटे अथवा अनर्थ उपजावे।
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