कुंडलिनी के सप्त चक्र को जागृत व भेदने का मंत्र
मंत्रमूलाधार चक्र
ॐ ल्म पर तत्वाय वं शं शं ॐ फट
स्वाधिष्ठान चक्र
ॐ वं वं स्वाधिष्टानां जाग्रय जाग्रय वं वं ॐ फट
मणिपुर चक्र
ॐ रं चक्र जागरणाय मणिपुराय रं ॐ फट
अनाहत चक्र
ॐ यं अनाहतं जाग्रय जाग्रय स्फोटय ॐ शं
विशुद्ध चक्र
ॐ हं विशुद्ध जाग्रय जाग्रय तत्त्व बीजाय ॐ फट
आज्ञा चक्र
ॐ
सहस्त्रार चक्र
ॐ ह्रीं सहस्त्रारं जाग्रय जाग्रय स्फोटय उदभेदय ऐं ॐ फट
गुरु दिक्षा व गुरु आज्ञा से ही इसे प्रारम्भ करें,
न्योछावर जमा कराकर पूर्ण विधि जाने |
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