Sunday, June 18, 2017

सर्प गायत्री मंत्र

सर्प गायत्री मंत्र

।। ऊँ नवकुल नागाय विदमहे विषदन्ताय धीमही तन्नो सर्प: प्रचोदयात।।


को कालसर्प योग यंत्र के सामने श्रद्धावश पाठ एक माला नित्य अवश्य पाठ करें। कोई जरूरी नहीं है कि आप त्रयम्बकेश्वर में ही पाठ करायें। आप स्वयं कर पाठ कर सकते हैं। सबसे अच्छा है आप एक माला शुक्र आधारित सम्पुट युक्तं महामृत्युपन्जय मंत्र का एक माला पारद शिवलिंग के सामने अवश्य करें।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )