सन्तान गोपाल मंत्र
।। ऊँ श्रीं ह्रीं क्लींं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगतपते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।।नोट :- उपरोक्त संतान गोपाल मंत्र एवं संतान गोपाल स्त्रोवत को संतान गोपाल यंत्र एवं श्री कृष्ण भगवान के फोटो के सामने प्रात: स्नांन करने के बाद पीले की आसन पर एक माला जप करना है। उसके बाद गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित ’’ श्रीहरिवंश पुराण ‘’ का पाठ करना है। बीच में अधूरे अध्याय को छोड़कर नहीं उठना चाहिये। अध्याय को पूरे करके ही उठना चाहिये।
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