सूर्य देव को जल अर्पित करने की सही विधि
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
Contact 9953255600
सूर्य देव आराधना विधि एवं लाभ
सूर्य देव की आराधना करने से मनुष्य बल , बुद्धि , तेज , मान -सम्मान , धन -सम्पति और स्वास्थ्य से परिपूर्ण होता है | इनके साथ -साथ सूर्य देव की नित्य आराधना करने से मानव जीवन में नव शक्ति का संचार होने लगता है |
जन्म कुंडली में सूर्य दोष होने पर सूर्य देव की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है | ऐसे व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए |
सूर्य देव की आराधना कैसे करें
रविवार के दिन नवग्रह मंदिर जाकर सूर्यदेव को चंदन का लेप करें | दूप -दीप जलाये | सूर्य देव को जल से स्नान कराये | कुमकुम से टीका करें | इसके पश्चात् चावल , मीठा व पुष्प अर्पित करें | अब सूर्य देव के समक्ष बैठकर सूर्य देव के इस मंत्र के यथासंभव हो सके उतने जप करें :-
ऊँ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।
सूर्य देव को जल अर्पित करने की विधि
सूर्य देव एकमात्र ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष दिखाई देते है इसलिए सूर्य देव की आराधना घर में पूजा स्थल की जगह बाहर खुले में सूर्य देव के समक्ष करना अधिक फलदायी है |
सूर्यदेव आराधना में सूर्यदेव को जल अर्पित करना सबसे अधिक महत्व रखता है | इसे हम सूर्य को अर्ध्य देना कहते है | सूर्यदेव को अर्ध्य देने हेतु सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और जैसे ही सूर्य उदय होता है आप पूर्व दिशा की तरफ मुख करके खड़े हो जाये | एक ताम्बे के पात्र में जल भरकर इसमें थोड़े चावल , थोड़ी चीनी , पुष्प डाले व कुमकुम द्वारा जल में छीटे लगाये | अब आप सूर्य देव के सामने खड़े होकर ताम्बे के पात्र द्वारा दोनों हाथों से जल नीचे जमीन पर छोड़ते जाये | ध्यान दे, ताम्बे के पात्र को अपने सीने के सामने रखे और सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पात्र को कंधो से ऊपर तक ले जाने का प्रयास करें | पात्र द्वारा नीचे गिरने वाली जलधारा में सूर्य के प्रतिबिम्ब को देखने का प्रयास करें |
सूर्य देव को अर्ध्य देते समय निरंतर सूर्यदेव के इस मंत्र का जप करते रहे : “ ॐ सूर्याय नमः ” | सूर्य देव को अर्ध्य देने के पश्चात् नीचे झुककर जल को स्पर्श करें और अंत में सीधे खड़े होकर हाथ जोड़कर सूर्यदेव को प्रणाम करें |
सूर्य देव को जल अर्पित करने का सबसे उत्तम समय सूर्य उदय से लेकर इसके एक घंटे बाद तक होता है | इसलिए इस अवधि में ही सूर्यदेव को अर्ध्य देने का प्रयत्न करें | रविवार का दिन सूर्य देव आराधना के लिए विशेष माना गया है, यदि समय का अभाव रहते आप नियमित सूर्यदेव को अर्ध्य नहीं दे पाते है तो रविवार के दिन सूर्य देव को अर्ध्य जरुर दे |
No comments:
Post a Comment