Saturday, July 22, 2017

यात्रा की बाधा दूर करने का मंत्र

यात्रा की बाधा दूर करने का मंत्र


सोमवार एवं शनिवार को पूर्व की यात्रा करने की परिस्थिति में यात्रा करने वाले को क्रमश: दूध का पान कर ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए यात्रा करनी चाहिए।

शनिवार को उड़द के दाने पूर्व दिशा में चढ़ाकर तथा कुछ दाने खाकर यात्रा करें एवं यात्रा के समय शनि-गायत्री का पाठ करता रहे- ‘ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्न: शनि प्रचोदयात्।’

मंगलवार एवं बुधवार को यात्रा करना जरूरी हो तो मंगलवार को गुड़ का दान करें, कुछ गुड़ मुख में धारण करें तथा मंगल-गायत्री का जप करें- ‘ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात्।’

बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा आवश्यक हो तो तिल एवं गुड़ का दान करें एवं उसी से बने पकवान का भोजन कर यात्रा करें। यात्रा से पूर्व पांच बार बुध-गायत्री का पाठ कर यात्रा करनी चाहिए- ‘ॐ सौम्यरूपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि तन्न: सौम्य: प्रचोदयात्।’

वैसे तो रविवार एवं शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना निषिद्ध बताया गया है, फिर भी अत्यंत आवश्यक हो जाने पर यात्रा करनी हो तो उपाय कर यात्रा की जा सकती है-

रविवार को पश्चिम में यात्रा करने के पूर्व शुद्ध गाय का घी लेकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके हवन करें तथा यात्रा से पूर्व घी का पान करें एवं कन्याओं को दक्षिणा देकर सूर्य गायत्री का जप करते हुए यात्रा प्रारंभ करें-
‘ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात्।’

गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा करना सर्वथा वर्जित है, किंतु आवश्यक शुभ कार्य हेतु यात्रा करना जरूरी हो गया हो तो निम्न उपाय कर यात्रा की जा सकता है-


गुरुवार को यात्रा के पूर्व दक्षिण दिशा में पांच पके हुए नीबू सूर्योदय से पूर्व स्नान कर गीले कपड़े में लपेटकर फेंक दें, यात्रा से पूर्व दही का सेवन करें तथा शहद, शकर एवं नमक तीनों को समभाग में मिलाकर हवन करें और गुरुगायत्री का जप कर यात्रा प्रारंभ करें-
‘ॐ आंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।’

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )