सूर्य ग्रह के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र

ॐ जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।

तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।।

वैदिक मन्त्र

ऊँ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

बीज मन्त्र

ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।

जप संख्या – 7 (सात) हजार

समय – रविवार प्रातः सूर्योदय काल

ग्रह पूजा मंत्र – ऊँ ह्रीं सूर्याय नमः।।

यह मंत्र बोलते हुए सूर्य को पूजा सामग्री समर्पित करें। तांबे के लोटे से अर्घ दें।


दान

लाल गाय का दान अगर बछड़े समेत हो तो उत्तम, नारियल, गेहूं, लाल चंदन, लाल वस्त्र, गुड़, सोना, घी माणिक्य, तांबे के बर्तन, लाल रंग से बनी मिठाइयां, और लाल फूल (दान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए। सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष के व्यक्ति को देना चाहिए)

व्रत

सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए, गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए।

* किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है।* अगर आपकी कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो आपको अपने पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

* प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहत मिल सकती है।उपवास

* सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।

* रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उस जल को पीना चाहिए।

* लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए।

* किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।

* हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।* लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।* सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

सूर्य की अशुभ स्थिति में क्या न करें?

* कमज़ोर अथवा नीच का होकर परेशान कर रहा है अथवा किसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको माणिक्य नहीं धारण करना चाहिए।

* गुड़ का सेवन कम करना चाहिए, इसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है।

चन्द्र ग्रह के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र
ॐ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।

नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुट भूषणम्।।

वैदिक मन्त्र

ऊँ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्येष्ठयाय महते

जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय इमममुष्य पुत्रममुष्यै

पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्मांकं ब्राह्मणानां राजा।।

बीज मंत्र

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः।।

जप संख्या – 11000

समय – सोमवार चन्द्र की होरा में

ग्रह पूजा मंत्र–

“ऊँ ऐं क्ली सोमाय नमः” यह मंत्र बोलते हुए चंद्रमा का पूजन करें।


दान

सफ़ेद रंग की गाय किसी ब्राह्मण को दें तो बहोत लाभ है ब्राह्मण गाय का दूध पियेगा और आप को दुआएं देगा। चावल, सफेद चन्दन, शंख, कपूर, घी, दही, चीनी, मिश्री, खीर, मोती, सफ़ेद वस्त्र और चाँदी या चांदी के बर्तन। अगर यह दान पूर्णिमा को किया जाये तो लाभ ज्यादा मिलता है।

ब्रत और कुंडली में चन्द्र के शुभ होकर कमजोर होने की स्थिति में


* सोलह सोमवार का लगातार व्रत करना चाहिए तथा कन्याओं को खीर खिलाना चाहिए।

* अपने चारपाई के चारो पाए में चांदी की कील ठुकवानी चाहिए।

* गाय को गूंथा हुआ आटा खिलाना चाहिए तथा कौए को भात और चीनी मिलाकर देना चाहिए।

* किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को दूध में बना हुआ खीर खिलाना चाहिए।

* सेवा धर्म से भी चन्द्रमा की दशा में सुधार संभव है, सेवा धर्म से आप चन्द्रमा की दशा में सुधार करना चाहते है तो इसके लिए आपको माता और माता समान महिला एवं वृद्ध महिलाओं की सेवा करनी चाहिए।

* चाँदी का कड़ा, चाँदी की चैन, या चाँदी की अंगूठी में सच्चा मोती पहनना चाहिए।


चन्द्रमा के कमज़ोर अथवा पीड़ित होने पर

* व्यक्ति को प्रतिदिन दूध नहीं पीना चाहिए।

* स्वेत वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए।

* सुगंध नहीं लगाना चाहिए और मोती अथवा मून स्टोन नहीं पहनना चाहिए।

* बहते हुए पानी में चाँदी के टुकड़े या सिक्के, सफ़ेद फूल, या दूध प्रवाहित करने से चंद्रमा की अशुभता दूर होती है।

* चाँदी के बर्तन में कच्ची लस्सी में थोड़ा जल व थोड़ा दूध मिलाकर शिवलिंग पे चढाने से चंद्रमा अपना शुभ फल देता है


मंगल देव के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र_

ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कांति समप्रभम् ।

कुमारं शक्तिहस्तं तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ।।


वैदिक मन्त्र_

ऊँ अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम।

अपां रेता सि जिन्वति।।


बीज मन्त्र_

ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।

जप संख्या – 10000

समय – मंगलवार को सूर्य की होरा में

ग्रह पूजा मंत्र 

ऊँ भोम भोमाय नमः

यह मंत्र बोलते हुए मंगल प्रतिमा अथवा यंत्र का पूजन करें।


दान_

व्यक्ति को लाल रंग का बैल दान करना चाहिए, गेहूं, मसूरकी दाल, गुड़, लाल रंग का वस्त्र, सोना, तांबे के बर्तन, बताशा, मीठी चपाती, गुड़ निर्मित रेवड़ियां दान देना चाहिए।

मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए। मंगल पीड़ित व्यक्ति में धैर्य की कमी होती है अत: धैर्य बनाये रखने का अभ्यास करना चाहिए एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए।
व्रत_

व्रत करने से भी ग्रह का प्रकोप कम हो जाता है। क्यों कि जो वार जिस ग्रह से प्रभावित होता है उसी वार का अगर ब्रत किया जाये तो उस ग्रह का प्रकोप कम हो जाता है।

* अगर मंगल कुंडली में शुभ है तो सोने अथवा तांबे की अंगूठी में मूंगा नग धारण करना चाहिए।

* लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।

* जातक जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।

* लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।

* मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।

बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।

* अगर आप पराक्रम से सम्बंधित कार्य करते हैं जैसे पुलिस-सेना की नौकरी, क्रिकेट, फुटबाल अथवा अन्य खेलों में लाल रुमाल अथवा लाल टोपी का स्तेमाल कर सकते हैं। इससे मंगल मजबूत होगा तथा साहस में वृद्धि होगी।
मंगल के नीच अथवा अशुभ स्थिति में होने पर_
* नारियल को तिलक लगाकर लाल कपडे में लपेटकर बहते हुए जल में 3 मंगलवार प्रवाहित करने से अशुभ मंगल का प्रभाव कम हो जाता है।

* अगर आप का मंगल अशुभ है तो आप को लाल वस्त्र नहीं धारण करना चाहिए।

* मंगलवार को मदिरा, मांस-मछली का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि मंगल मन्त्र, हनुमान चालीसा, हनुमान कवच, बजरंगबाण आदि का पाठ करना चाहिए जिससे मंगल देव की कृपा प्राप्त होती है।

* जिस कन्या की कुंडली में मांगलिक योग की वजह से शादी में बाधा आती है उनको सात मंगलवार का लगातार ब्रत करना चाहिए।


बुध देव के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र_

ॐ प्रियङ्गुलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।

वैदिक मन्त्र_

ऊँ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च

अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।


बीज मंत्र_

ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।

जप संख्या – 9000

समय_ शुक्ल पक्ष में बुध की होरा में

ग्रह पूजा मंत्र_ ऊँ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय नमः।।

यह मंत्र बोलते हुए बुध प्रतिमा अथवा बुध यंत्र का पूजन करें।


दान_

बुध ग्रह हरे रंग का कारक होता है अगर शरीर में हरा रंग अशुभ है या ज्यादा बलवान है तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं ऐसे में हरे रंग को शरीर में संतुलित करने के लिए हरी चीजें का दान करना चाहिए। हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग की दाल, हरे फल, गन्ना, हरी इलायची, कांसे के बर्तन, बुध रत्न पन्ना, हरा कपडा, हरी सब्जियां, हरे रंग का कददू, दुधारू बकरी यह सब किसी पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थी को देना चाहिए । हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है। बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है. इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है।


व्रत_

बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

* घर में हरे रंग के परदे लगवाने चाहिए।

* गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए।

* ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए।

* बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है।

* बुधवार के दिन सुरु कर के 108 दिन लगातार हरी घास पर नंगे पांव चलने से बुध से होने वाली बीमारियां व् चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

* रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है।

* अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है।

मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है।

* अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।

* हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।

* बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।


बुध के नीच अथवा अशुभ स्थिति में होने पर


* ज्यादा से ज्यादा बुध का दान करना चाहिए।

* सात दाने हरे रंग की सबूत मूंग, हरा पत्थर, कांसे का गोल टुकड़ा ये सभी चीजें हरे रंग के वस्त्र में लपेटकर बुधवार को बहते पानी में बहाने से बुध का प्रकोप कम होता है। यह सात बुधवार करना चाहिए।

* दुर्गा सप्तसी का पाठ, विष्णु उपासना, तथा भगवान विघ्नहर्ता गणपति देव का पूजन-दर्शन करने से बुध का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।


गुरु बृहस्पति देव के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र_

ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरूं काञ्चनसंन्निभम्।

बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।


वैदिक मन्त्र_

ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अहद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।

यदीदयच्छवस ऋत प्रजात। तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।


बीज मंत्र_

ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः

जप संख्या_ 19000

समय_ शुक्ल पक्ष में गुरु की होरा में

ग्रह पूजा मंत्र_ 

“ॐ बृहम बृहस्पतये नमः”

यह मंत्र बोलते हुए गुरु प्रतिमा अथवा गुरु यंत्र का पूजन करें।

दान_

बृहस्पति के उपाय हेतु जिन वस्तुओं का दान करना चाहिए उनमें चने की दाल, केले, पीले वस्त्र, पीले चावल, केशर, पुखराज, शहद, पीले फूल-फल,पिली मिठाईयां, हल्दी, कांसे के बर्तन, घोडा, घी, बेसन के लड्डू, कोई भी धर्म ग्रंथ, सोना दान करना सुखकारी होता है।दान करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि दिन बृहस्पतिवार हो और सुबह का समय हो, दान किसी ब्राह्मण, गुरू अथवा पुरोहित को देना विशेष फलदायक होता है।


व्रत_

बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

* गुरुवार को केसर का तिलक लगाने से बृहस्पति मजबूत हो जाता है। अगर 27 गुरुवार लगातार तिलक लगाया जाता है तो बृहस्पति का शुभ प्रभाव बढ़ जाता है।

* कमज़ोर बृहस्पति वाले व्यक्तियों को केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों।

* पंक्षियों विशेषकर कौओं को देना चाहिए।

* ब्राह्मणों एवं गरीबों को दही चावल खिलाना चाहिए।

* रविवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर अन्य सभी दिन पीपल के जड़ को जल से सिंचना चाहिए।

* गुरू, पुरोहित और शिक्षकों में बृहस्पति का निवास होता है अत: इनकी सेवा से भी बृहस्पति के दुष्प्रभाव में कमी आती है. केला का सेवन और सोने वाले कमड़े में केला रखने से बृहस्पति से पीड़ित व्यक्तियों की कठिनाई बढ़ जाती है अत: इनसे बचना चाहिए।

* पुखराज नग सोने की अंगूठी में सीधे हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करने से बृहस्पति का प्रभाव बढ़ जाता है।

गुरु के नीच अथवा अशुभ होने की स्थिति में

व्यक्ति को अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए।

* बादाम व् नारियल पीले कपडे में लपेटकर बहते पानी में कम से कम 7 गुरुवार बहाना चाहिए।

* ऐसे व्यक्ति को मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए तथा कोई धर्म ग्रन्थ किसी बुजुर्ग ब्राह्मण को देना चाहिए ।

* गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए।

* गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए।

* घर में पीले सूरजमुखी व पीले गेंदे के पौधे लगाने चाहिए इससे देव गुरु बृहस्पति के शुभ फल प्राप्त होते हैं।

गुरु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायों हेतु गुरुवार का दिन, शुक्ल पक्ष, गुरु के नक्षत्र पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं।


शुक्र देव के मन्त्र एवं उपाय

इनकी प्रसन्नता हेतु भगवती लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

पौराणिक मन्त्र_

ॐ हिमकुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम्।

सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।


वैदिक मन्त्र_

ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पयः सोमं प्रजापतिः।

ऋतेन सत्यम् इन्द्रियं विपान शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।


बीज मंत्र_

ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

जप संख्या_ 16000

समय_ शुक्ल पक्ष, शुक्रवार एवं शुक्र की ही होरा।

ग्रह पूजा मंत्र_ 

ऊँ ह्रीं श्री शुक्राय नमः

यह मंत्र बोलते हुए शुक्र यंत्र का पूजन करें।


दान_

रेशमी कपड़े, मलाई, मक्खन, दही, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, शैम्पू, पावडर, चावल, कपूर, सफेद घोडा, सफेद चन्दन आदि का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है। शुक्र से सम्बन्धित रत्न (हिरा) का दान भी लाभप्रद होता है। इन वस्तुओं का दान शुक्रवार के दिन संध्या काल में किसी युवती को देना उत्तम रहता है।


व्रत_

* शुक्र ग्रह से सम्बन्धित क्षेत्रमें आपको परेशानी आ रही है तो इसके लिए आप शुक्रवार के दिन व्रत रखें, ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं, अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर गाय को खिलाएं।

* सीधे हाँथ की अनामिका उंगली में हीरा सोने या प्लेटिनम धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए।

* हमेसा चाँदी की गोली बनाकर अपने पर्स में रखना चाहिए या गले में चाँदी में ओपल नग का लॉकेट बनवाकर धारण करना चाहिए।

* गंदे नाले में नीला फूल डालने से शुक्र अच्छा फल देता है।

* शुक्रवार को उडद की दाल में घी डाल कर भोजन करने से शुक्र मजबूत हो जाता है।

* परफ्यूम, इत्र, डिजाइनर कपडे, क्रीम, पावडर का प्रयोग करने से भी शुक्र बलवान होता है।


शुक्र के नीच अथवा अशुभ होने की स्थिति में

* शुक्र से सम्बन्धित वस्तुओं जैसे सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।वस्त्रों के चुनाव में अधिक विचार नहीं करें।

* काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।

* शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।

*किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।

* किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।

* सफेद रंग के पत्थर पे चन्दन का तिलक लगाकर बहते हुए पानी में बहाने से शुक्र का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।

शनि देव के मन्त्र एवं उपाय

शनि की अनुकूलता के लिए भैरव देव की पूजा करनी चाहिए।

पौराणिक मन्त्र_

ॐ नीलाञ्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।


वैदिक मन्त्र_

ऊँ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।

शं योरभिस्रवन्तु नः ।। ऊँ शनैश्चराय नमः।।


बीज मंत्र_

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।

जप संख्या_ 23000

समय_ संध्या काल, शुक्ल पक्ष, शनि की होरा।

ग्रह पूजा मंत्र_ 

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः।।

यह मंत्र बोलते हुए शनि यंत्र का पूजन करें।


दान_

शनि काले रंग कारक होता है। इन्हें दान में काला वस्त्र, नीलम, काली गाय, जूते, दवाइयां, काली भैंस, सरसो का तेल, नारियल, निले फूल, काले उड़द की दाल, काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, लोहा, खेती योग्य भूमि देनी चाहिए। शनि ग्रह की शांति के लिए दान देते समय ध्यान रखें कि संध्या काल हो और शनिवार का दिन हो तथा दान प्राप्त करने वाला व्यक्ति ग़रीब और वृद्ध हो।


व्रत_

शनि के प्रकोप से बचने हेतु व्यक्ति को शनिवार के दिन एवं शुक्रवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

* शनिवार को पंचधातु की अंगूठी में नीलम रत्न को सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करने से शनि बलवान हो जाते हैं, काले घोड़े की नाल या नाव के कांटे से बनी मुंदरी या छल्ला धारण करना भी लाभप्रद होता है।

आँखों में काला सुरमा लगाने से भी शनि बलवान होते हैं।

* सरसो के तेल से 27 शनिवार शरीर की मालिश करवाने से भी शनि मजबुत हो जाते हैं।


शनि के नीच अथवा अशुभ होने की स्थिति में

* लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए।

* रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए।

* तिल और चावल पकाकर ब्राह्मण को खिलाना चाहिए।

* अपने भोजन में से कौए के लिए एक हिस्सा निकालकर उसे दें।

* शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ भी बहुत लाभदायक होता है।

* शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखें. मोर पंख धारण करने से भी शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है।

* शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ।

* शनिवार के दिन लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।

* 7 बादाम, 7 नारियल, 7 दाने काले मसूर काले कपडे में बांधकर दूध के साथ बहते पानी में बहाने पर शनि की पीड़ा से लाभ प्राप्त होता है।


राहु ग्रह देव के मन्त्र एवं उपाय

राहु की अनुकूलता के लिए

भैरोदेव की पूजा करें या महामृत्युंजय मन्त्र का जप करें।
पौराणिक मन्त्र_

ॐ अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्य विमर्दनम्।

सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।

वैदिक मन्त्र_

ऊँ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदा वृधः सखा।

कया शचिष्ठया वृत।।

बीज मंत्र_

ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।।

जप संख्या_18000

समय_ शनिवार शुक्ल पक्ष रात्रिकाल

ग्रह पूजा मंत्र_ 

“ऊँ ऐं ह्रीं राहवे नमः” 

यह मन्त्र बोलते हुए राहु देव अथवा राहु यंत्र की पूजा करें।

दान_

ग्रह देव राहु की प्रसन्नता हेतु शनिवार को सतनाजा,( सात अनाज )

गोमेद-नीलाम, सीसा कला घोडा, सोने या चांदी का बना हुआ सर्प, काले उडद, तलवार, नीला या काला कंबल, नारियल, तिल का तेल, कोयला, खोटे सिक्के, जलेबी ( एकतरह की मिठाई ) संध्या समय किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए।

व्रत

राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है।

मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों चावल दान करें।

* जन्मकुण्डली में राहु बलवान होकर शुभ ग्रहों के साथ बैठा हो तो राहु रत्न गोमेद पंच धातु की अंगूठी में सीधे हाँथ की माध्यमा उंगली में शनिवार को धारण करना चाहिए।

* काले कांच की गोली या खोटे सिक्के जेब में रखने से राहु बलवान हो जाता है।

* राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।

* गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए।

* राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी।

* ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।

* हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए।

* अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है।

* अपनी चारपाई या बेड के चारो कोनो पे सिक्के बंधने से राहु बलवान हो जाता है।


राहु के नीच एवं अशुभ होने पर


* जमादार या सफाई कर्मचारी को तंबाखू या इससे बनी चजे दान देनी चाहिए।

* दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए।

* यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए।

* झुठी कसम नही खानी चाहिए।

* काले व निले कपडे नहीं पहनने चाहिए, तथा भगवती दुर्गा एवं सरस्वती की जी की पूजा करने से राहु का शुभ फल प्राप्त होता है।

केतु ग्रह देव के मन्त्र एवं उपाय

पौराणिक मन्त्र

ॐ पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्।

रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।।

वैदिक मन्त्र

ऊँ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपनयशसे।

समुषद्भिरजायथाः।।

बीज मंत्र

ऊँ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।।

जप संख्या_17000

समय_ शुक्लपक्ष मंगलवार

ग्रहपुजा मन्त्र

” ॐ कें केतवे नमः” 

यह मन्त्र बोलते हुए देव ग्रह केतु एवं केतु यंत्र की पूजा करनी चाहिए।


दान

देव ग्रह केतु की कृपा प्राप्ति हेतु किसी युवा व्यक्ति को कपिला गाय दान देनी चाहिए । दान के लिए अन्य पदार्थ जैस-े सतनाजा, कंबल, धुएं जैसे रंग के वस्त्र, कस्तूरी, लहसुनिया, लोहा, तिल, तेल, शस्त्र, बकरा, नारियल, उड़द आदि का दान करने से केतु ग्रह की शांति होती है।ज्योतिषशास्त्र में केतु ग्रह को अशुभ ग्रह माना गाय है अत: जिस जातक की कुंडली में केतु की दशा चल रही है और उसे अशुभ परिणाम प्राप्त हो रहे हैं तो शांति हेतु जो उपाय किया जा सकता हैं उनमें दान का स्थान प्रथम है।

व्रत

व्रत करने से भी ग्रहों का प्रकोप कम हो जाता है। क्योंकि जो वार जिस ग्रह से प्रभावित होता है उसी वार का अगर व्रत किया जाए तो उस ग्रह का प्रकोप कम हो जाता है। केतु ग्रह का वार भी मंगल ग्रह की तरफ मंगलवार होता है। मंगलवार को अगर आप व्रत करते हैं तो केतु ग्रह का प्रकोप कम हो जाता है। कुत्ते को आहार दें एवं ब्राह्मणों को भात खिलायें इससे भी केतु की दशा शांत होगी। किसी को अपने मन की बात नहीं बताएं एवं बुजुर्गों एवं संतों की सेवा करें यह केतु की दशा में राहत प्रदान करता है।

* अगर जन्म कुंडली में केतु बलवान हो और शुभ ग्रहों की युति में हो तो लहसुनियां (Cat’s Eye) रत्न पंचधातु में जड़वाकर सीधे हाँथ की अनामिका उंगली में धारण करने से केतु का बल बढ़ जाता है।

* काले और सफेद रंग के कपडे पहनने से केतु का प्रभाव बढ़ता है।


ग्रहदेव केतु के नीच एवं अशुभ होने पर


* काले और सफेद रंग के कंबल गरीबों को एवं मंदिर में दान देने चाहिए।

* सफेद तिल एवं काले तिल को सफेद कपडे में बांधकर बहते हुए जल में प्रभावित करना चाहिए।

* रंग-विरंगी गाय की सेवा करनी चाहिए तथा रंग बिरंगे कुत्ते को दूध और रोटी खिलाना चाहिए।

* पीपल के पेड़ में या मंदिर में खूब ऊँची ध्वजा-पताका बांधनी चाहिए।