Thursday, May 7, 2020

If you are Manglik यदि मांगलिक है तो

If you are Manglik यदि मांगलिक है तो

यदि मांगलिक है तो इस व्रत से करें मंगल की शांति / If you have Mars effect  then do this fast with the peace of Mars

पुराणों में मंगलहारी व्रत का वर्णन मिलता है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है कि जिस कन्या अथवा पुरुष की कुंडली में मंगल दोष के कारण विवाह नहीं हो रहा हो या मंगल की अशुभता के कारण जीवन में परेशानी आ रही हो तो उनके लिए यह व्रत बहुत लाभदायक है।

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इस व्रत का आरम्भ शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से जाता है। परन्तु अधिक मास में इस व्रत का आरम्भ अशुभ माना जाता है। शुभ योग में प्रातः स्नान करके नए लाल वस्त्र धारण करें। ताम्बे की मंगल देवता की मूर्ति को किसी ताम्बे के पात्र में स्थापित करें। मूर्ति के अभाव में ताम्बे का त्रिकोण मंगल यंत्र भी ले सकते है। यंत्र ले तो उसके तीनों कोनों पर केसर या लाल चंदन से शूराय, वक्र , और भूमिज लिखें। फिर स्नान करवा कर लाल चंदन और लाल पुष्प से पूजन करे। लाल रंग के फलों के साथ भुने हुए गेहूं को गुड़ में मिलकर भोग बनाये तथा भगवान मंगल को अर्पति करें। संकल्प ले-

मम मंगल ग्रह पीड़ा निवारणार्थ तथा च शीघ्र विवाहार्थ मंगल ग्रह पूजनम अहम् करिष्ये।

फिर मंगल देवता के कवच , स्तोत्र , व १०८ नाम का उच्चारण करे। फिर मूर्ति को पात्र से निकाल कर एक तरफ रख दे तथा पात्र में गुड़ भर के किसी युवा ब्राह्मण को दान करें। इस तरह लगातार एक वर्ष तक व्रत रखें। एक वर्ष बाद व्रत का उद्यापन करें। यह व्रत बहुत लाभकारी है।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )