Tuesday, February 28, 2017

DASHRATH SHANI STUTI STOTR दशरथ शनि स्तुति स्तोत्र

DASHRATH SHANI STUTI STOTR दशरथ  शनि  स्तुति  स्तोत्र

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शनि के दोष और शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए शनिदेव की स्तुति 
(शनि देव का ये उपाए आप को देगा शनि पीड़ा से राहत)

महाराजा दशरथ ने धनुष बाण रख कर हाथ जोड़कर शनिदेव की स्तुति करी थी पद्म पुराण में शनि के दोष और शनि पीड़ा से मुक्ति पाने का है ये उपाए- 

नमः कृष्णाय नीलाय शीतिकण्ठनिभाय च | 
नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नमः ||

नमो निर्मांसदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च | 
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदरभायकृते ||

नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णे च वै पुनः | 
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोस्तु ते ||

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नमः | 
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करलिने ||

नमस्ते सर्व भक्षाय बलीमुख नमोस्तु ते | 
सूर्यपुत्र नमस्तेस्तु भास्करेभयदाय च ||

अधोदृष्टे नमस्तेस्तु संवर्तक नमोस्तु ते | 
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोस्तु ते ||

तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च | 
नमो नित्यं क्षुधातार्याय अतृप्ताय च वै नमः ||

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेस्तु कश्यपात्मजसूनवे | 
तुष्टो ददासि वै राज्यम रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ||

देवासुरमनुष्याश्च सिद्धविद्याधरोरगा: | 
त्वया विलोकिताः सर्वे नाशं यान्ति समूलतः ||

प्रसादम कुरु में देव वराहोरहमुपागतः ||


शनिदेव ने कहा है की मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार ग्रहों के द्वारा सुख व कष्ट भुगतता है। व्यक्ति की जन्म पत्रिका की दशा, अन्तर्दशा व गोचर के अनुसार ही मैं उन्हें कष्ट प्रदान करता हूं। 

परन्तु यदि कोई मनुष्य श्रद्धा व एकाग्रता से महाराजा दशरथ द्वारा रचित उक्त स्तोत्र का पाठ व जाप करे तथा मेरी लोहे की प्रतिमा पर शमी के पत्तो से पूजा करे साथ ही साथ काले तिल, उड़द, काली गाय का दान करे तो दशा, अन्तर्दशा व गोचर द्वारा उत्पन्न पीड़ा का नाश होगा और मैं उसकी रक्षा करूंगा |

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )