Maha Lakshmi Sthavam
महा लक्ष्मी स्थावं
ॐ अस्य श्री महा लक्ष्मी महा मन्थरस्य नारद ऋषि, देवी गयथ्री चन्द श्री महालक्ष्मिर देवथा, स्रीं भीजं, ह्रीं शक्थि, क्लीं कीलकं, ममोपर्थ सर्व दुरिथ उपसमर्थं, सर्व्भीष्ट सिध्यर्थं, महा लक्ष्मी स्थाव जपं करिष्ये, स्राम इथ्यद्षि षडङ्गं. हूर्भुवस्वरोम् इथि दिग् बन्ध.अध ध्यानं
सरसिजनिलये सरोज हस्थे,
धवल थारंसुक गन्ध मलय शोभे,
हगवथि हरि वल्लभे मनोज्ञे,
त्रिभुवनभूथिकारि प्रसीध मह्यं.
या सा पद्मासनस्थ विपुल कति तति पद्म पथ्रयथक्षि,
गम्भीरवर्थ नाभिस्थानभार नंनिथ, शुब्र वस्थ्रोथरीय,
लक्ष्मीर दिव्यै गजेन्द्रै मणि गण खचित्है स्थापिथ हेम कुम्भै,
र्निथ्यं सा पद्म हस्था मम वसथु गृहे सर्व मङ्गल्य युक्था.
सर्व मङ्गल मङ्गल्ये, शिवे सर्वार्थ साधके,
सारण्ये थ्रयंबिके देवी, नारायणि नमोस्थुथे.
ॐ महा लक्ष्म्यै नाम
सर्व मङ्गल मङ्गल्ये, शिवे सर्वार्थ साधके,
सारण्ये थ्रयंबिके देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 1
नारायणि, महा मये, कोउसेयंबर धारिणी,
पद्म हस्थे, पद्म नयने, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 2
उध्यच्छाथर्क सदृशी, पसन्गुस वरयुधे,
वराभय करे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 3
ध्येये विधीस विनुथे, परमङ्गे च संस्थिधे,
कोउसेय पीठ वसने, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 4
जनिथ्री सर्व लोकानां, सर्व देव नमस्कृथे,
पद्म द्वय करे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 5
शुद्धजाम्बुनाध करे, थेजो रोपे, वर प्रधे,
पीथंबर धरे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 6
आध्यशक्थे, सर्व मूर्थे, विष्णु वमन्ग संस्थिथे,
सर्व भूशोज्ज्वले देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 7
स्रिमतः सोउभग्य धयिनि, रथन कङ्कण शोभिनि,
रथन कुम्भ धरे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 8
विज्ञान रूपे, सुखधे, सर्व कल्याणि कारिणी,
सर्व सोउभ्ग्यधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 9
सनथानि, सदानन्दे, सनकधयापि स्थुथे,
सर्व स्वरूपे, सर्वेसे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 10
विचिथ्र वग भूथिकारि, विचिथ्राकर रूपिणी,
विचिथ्र महीमे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 11
अनन्थ कल्याण निधे, अनन्थसन संस्थिथे,
अनन्थथल्प सयाने, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 12
विस्वरूपे, विस्वकये, विस्वम्भर वर प्रिये,
विस्वम्भरधार भूथे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. १३
पद्मासने, पद्म ऊरु, पद्माक्षी पद्म संभवे,
पद्मनाभ प्रिये देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 14
दारिद्र्य दुख सामानि, दीनर्थि चेदह कारिणी,
करुनमस्रुणा दृष्टि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 15
सरनप्थ पर्थ्राने, सरनगथ वथ्सले,
श्री पुष्टि कीर्थिधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 16
सर्व दुरिथोप सामानि, सर्व दुख विनासिनि,
सर्व सप्तः प्रधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 17
सर्णगथ दीनर्थ, पर्थ्रण पारयने,
सर्वस्यर्थि हरे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 18
ससि शेखर संस्थाने, कमनीय गुणस्रये,
धन धन्य प्रधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 19
क्षीर सागर संभूथे, राजनि कर सोशरी,
राज राजर्चिथे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 20
महाविध्ये, महा मये, महा भय निवारिणी,
महा वनि, महा कलि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 21
महारथ्यै महा शक्थ्यै, महामथ्यै नमो नाम,
महा वराह विभवे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 22
मधु कैदब विध्रवे, मधु सूधन वल्लभे,
मधु मास प्रिये देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 23
ससुरसुर गन्धर्वा, पूजिथे परमासने,
सर्व दुष्ट थमो हन्थ्री, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 24
शुभ लक्षण संयुक्थे, शुभ लक्षण लक्षिथे,
शुभ संप्रप्थि कारिणी. महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 25
दुर्गसुर प्राण हन्थ्री, दुर्ग दुर्गथि भन्जने,
दुर्गर्थि भन्जने दुर्गे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 26
कला रथ्रि, महा माये, कला त्रय स्वरूपिनि,
कलकल प्रिये देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 27
पुरु हूथ प्रिये देवी, पुरुहूथ्नुजा प्रिये,
पुरुषार्थ प्रधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 28
विष्णु वक्ष स्थले संस्थे, विस्व व्यापि स्वरूपिनि,
विस्वलोक प्रिये देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 29
गुनथ्रयस्य जननि, गुनथ्राय विधायिनी,
गुण त्रय विवेकग्ने, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 30
ग़ोव्रि, गोदावरी, गङ्गे, गोमथि बिन्दु वासिनि,
जतिले चण्डिके ब्राह्मी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 31
नारायणि, नाध रूपे, चञ्चले, दण्ड धारिणी,
भद्रे, निध्रे, वैष्णवीथि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 32
वामे बलाहके देवी, वेद वेदये वर प्रधे,
श्ररस्वथि, वेग वाथि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 33
भूथिधे स्मृथि रूपेसे, सिथे मेधे च वामने,
द्रोउपदी, रथन मकुते, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 34
रथन मलये, सुधा धरे, श्री देवी, सगरथ्मजे,
माधवी, मधुर न्धे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 35
कलिन्धि, कामुके, कलि, मकरन्धे, माधलसे,
वारुणी, विघ्न सामानि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 36
देव धूथि, महा भूथे, पाप नासिनि, भरतहि,
हेमंभुजसने देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 37
पद्म सद्मधिभि वन्ध्ये, पद्म पथ्रयथेक्षणे,
भर्घवि, भाग्य जननि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 38
नाम कमल वसिन्यै, नारायण्यै नमो नाम,
कृष्ण प्रियायै सथथं, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 39
पद्म पित्रा विसलक्षि, पद्म राग समा प्रभे,
महा पद्म निधे, देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 40
सर्व संपातः स्वरूपिन्यै, सर्वरध्यै नमो नाम,
हरि भक्थि प्रधे, देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 41
कृष्ण वक्ष स्थिथे, कृष्णे, कृष्ण वर्ण प्रशोभिथे,
पूर्ण चन्द्र प्रभे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 42
सर्व संप्तः अधिष्टथ्री, यशोध गर्भ संभवे,
शोभने, सर्व रथद्ये, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 43
नमो वृधि स्वरूपयै, महा देव्यै नमो नाम,
श्र्वर्ग लक्ष्मी, राज लक्ष्मी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 44
सर्वधरे विष्णु रूपे, शुध सथ्व स्वरूपिनि,
नारायण परे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 45
हिरण्य वर्णे, हरिणी, श्र्वर्न राजथस्रजे,
चन्द्रे हिरण्मयी लक्ष्मी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 46
विष्णोर मनोनुकूलिनि, विष्णु पदोपजीविनि,
विष्णु पथ्नि, विष्णु मये, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 47
नमोस्थेस्थु महा मये, श्री पीदे, सुर पूजिथे,
संक, चक्र, गध हस्थे, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 48
नमस्थे गरुदरुदे, कोलसुर भयं करि,
सर्व पाप हरे, देवी, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 49
सर्वज्ञे सर्व वर्धे, सर्व दुष्ट भयं करी,
सर्व दुख हरे, देवी, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 50
सिधि बुधि प्रधे देवी, भक्थि मुक्थि प्रदायिनी,
मन्थर मूर्थे, सदा देवी, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 51
अध्यन्थ रहिथे, देवी, अधि शक्थि महेस्वरि,
योगजे योग संभूथे, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 52
स्थूल सूक्ष्म महा रोउध्रे, महा शक्थि महो धरे,
महा पाप हरे देवी, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 53
पद्मासना स्थिथे, देवी, पर ब्रह्म स्वरूपिनि,
पर मेसि, जगन मथ, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 54
श्र्वेथम्बर धरे, देवी, नानालंकर भूषिथे,
जगत स्थिथे, जगद वन्ध्ये, महा लक्ष्मी नमोस्थुथे. 55
नमस्थे हगवथ्यम्ब, क्षमा शीले, परतः परे,
शुध सथ्व स्वरूपयै, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 56
उपमे सर्व सध्वीनाम्, कोपधि परि वर्जिथे,
देवीनां देवी संपूजये, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 57
सर्व जयधे देवी, सर्व शत्रु भयपहे,
सर्वाभीष्ट प्रधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 58
सर्वेषां परम मथ, सर्व भन्धव रूपिणी,
चथुर वर्ग प्रधे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 59
हारिके विपधां रसे, हर्ष मङ्गल धयिके,
चण्डिके, मङ्गल देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 60
मङ्गले च मन्गलग्नि, सर्व मङ्गल मङ्गले,
साथ मन्गलधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 61
मन्गलधिषिथे देवी, मङ्गलानां च मङ्गले.,
संसार मन्गलधरे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 62
सरांस मन्गलधरे, सरासर विवेचनी,
पूज्ये, सुखप्रधे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 63
यम लोक भव कर्थ्री, यम पूज्ये, यमग्रजे,
यम निग्रह रूपायै, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 64
समा स्वभवे सर्वेसि, सर्व संग विवर्जिथे,
कारुण्य विग्रहे देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 65
कङ्काल क्रूर कामाक्षी, मीनाक्षी कर्म भेदिनि,
माधुर्य रूप शीलय, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 66
महा मन्थर वाथी, मन्थर, गम्ये, मन्थर प्रियन्कारि,
मनुष्य मनसा गम्ये, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 67
आस्वथ वात निम्भाधि, वृक्ष राज स्वरूपिनि,
सर्व वृक्ष आधार भूथे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 68
दक्षिणय करुणा रूपे, दक्षिण मुर्थ्य वल्लभे,
दक्ष यज्ञ विनसिन्यै, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 69
अचिन्थ्य लक्षणे, अव्यक्थे, अर्ध मथ्रे महेस्वरि,
अम्रुथर्नव मध्यस्थे, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 70
चथु सष्टि कला विधये, चथु सष्टि कलथ्मिके,
चथु सष्टि कला पूज्ये, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 71
कला शोदसा संपूर्णे, कला काष्टधि रूपिणी,
कला कलथ्मिके देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 72
थुलदि कननोतः भूथे, थुलसि वन चारिणी,
थुलसि धाम रसिके, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 73
पञ्चसथ वर्ण सर्वाङ्गे, पञ्चसद वर्ण रूपिणी,
पञ्च थथ्वथ्मिके देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 74
सर्व पाप प्रसमनि, श्रर्वपद्वि निवारिणी,
श्रर्वेस्वर्य प्रिये देवी, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 75
परमाथम प्रिये देवी, परमाथम स्वरूपिनि,
पर परैक रसिके, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 76
महा लक्ष्मी स्थावं पुण्यं, य पदेतः भक्थिमान नर,
सर्व सिधिमवप्नोथि, महालक्ष्मि नमोस्थुथे. 77
अभार्यो लभाथे भार्यां, विनीथं ससुथं सथीं,
सुशीलां सुन्दरीं रम्यं, अथि सुप्रिया वधिनीं. 78
पुत्र पोउथ्र वधीं शुद्धं, कुलजां कोमलंबरां,
अपुत्रो लभाथे पुत्रं, वैष्णवं, चिरान जीविनां. 79
हाथ बन्धुर लबेतः बन्धुं, धन ब्रुष्टो धनं लबेतः,
कीर्थि हीनो लबेतः कीर्थिं, प्रथिष्टं च लबेतः ध्रुवं. 80
येका कालं पदेन नित्यं, महा पाप विनासनं,
ड्विकलम् य पदेन नित्यं, धन धन्य समन्विथ. 81
त्रिकालं य पदेन नित्यं, महा सथृ विनासनं,
महा लक्ष्मीर भावेन नित्यं, प्रसन्न वरद शुभ. 82
इथि श्री महा पुरनन्थर गथ, महालक्ष्मि स्थावं संपूर्णं. |
No comments:
Post a Comment