Monday, November 5, 2018

कुबेर पूजा विधि KUBER PUJA VIDHI

कुबेर पूजा विधि KUBER PUJA VIDHI

दीवाली  श्री कुबेर पूजा
आपके पास श्री कुबेर की मूर्ति है तो वह पूजा में उपयोग की जा सकती है। अगर आपके पास कुबेर की मूर्ति नहीं है तो उसके बदले आप तिजोरी या गहनों के बक्से को श्री कुबेर के रूप में मानिये और उसकी पूजा कीजिये। तिजोरी, बक्से आदि की पूजा से पहले सिन्दूर से स्वस्तिक-चिह्न बनाना चाहिए और उस पर 'मौली' बाँधना चाहिए।

ध्यान 
सर्व प्रथम निम्नलिखित मन्त्र द्वारा श्री कुबेर का ध्यान करें।

मनुज –ब्रह्मा –विमान –स्थितम, 
गरुड़ –रत्न –निभं निधि –नायकम। 
शिव –सखम  मुकुटादि –विभूषिताम , 
वर –गड़े दधतं भजे  तुन्दिलम ॥

मन्त्र अर्थ - मानव-स्वरूप विमान पर विराजमान, श्रेष्ठ गरुड़ के समान सभी निधियों के स्वामी, भगवान् शिव के मित्र, मुकुट आदि से सुशोभित और हाथों में वर-मुद्रा एवं गदा धारण करनेवाले भव्य श्रीकुबेर की मैं वन्दना करता हूँ। 

आवाहन 
भगवान् श्रीकुबेर का ध्यान करने के बाद तिजोरी-बक्से आदि के सम्मुख आवाहन-मुद्रा दिखाकर, निम्न मन्त्र द्वारा उनका आवाहन करें।

आवाहयामि  देव ! त्वामिहायाहि  कृपाम  कुरु । 
कोषम  वर्ध्दन्या  नित्यं , तवं  परी–रक्ष  सुरेश्वर ॥ 
॥ श्री  कुबेर –देवम  आवाहयामि ॥

मन्त्र अर्थ - हे देव, सुरेश्वर! मैं आपका आवाहन करता हूँ। आप यहाँ पधारें, कृपा करें। सदा मेरे भण्डार की वृद्धि करें और रक्षा करें। 
॥मैं श्रीकुबेर देव का आवाहन करता हूँ॥

पुष्पाञ्जलि-आसन 
आवाहन करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़कर श्रीकुबेर देव के आसन के लिए पाँच पुष्प अञ्जलि में लेकर अपने सामने, तिजोरी-बक्से आदि के निकट छोड़े।
नाना –रत्न –समायुक्तं  कर्त्य –स्वर –विभूषिताम । 
आसनं  देव –देवेश ! प्रीत्यर्थं  प्रति -गृह्यताम ॥ 
॥ श्री  कुबेर -देवाय  आसनार्थे  पंचा -पुष्पाणि  समर्पयामि ॥

मन्त्र अर्थ - हे देवताओं के ईश्वर! विविध प्रकार के रत्न से युक्त स्वर्ण-सज्जित आसन को प्रसन्नता हेतु ग्रहण करें। 
॥भगवान् श्रीकुबेर के आसन के लिए मैं पाँच पुष्प अर्पित करता हूँ॥

नव उपचार पूजन
इसके बाद 'चन्दन-अक्षत-पुष्प-धूप-दीप-नैवेद्य' से भगवान् श्रीकुबेर का पूजन निम्न मन्त्रों द्वारा करें।

ॐ  श्री  कुबेराय  नमः  पद्यों  पद्यम  समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः शिरसि  अर्घ्यम  समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः गन्धाक्षतं समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः पुष्पम  समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः धूपं  घ्रापयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः दीपम  दर्शयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः नैवेद्यम  समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः आचमनीयं  समर्पयामि । 
ॐ  श्री  कुबेराय  नमः ताम्बूलं  समर्पयामि । 

पूजन समर्पण
इस प्रकार पूजन करने के बाद बाएँ हाथ में गन्ध, अक्षत, पुष्प लेकर दाहिने हाथ द्वारा निम्न मन्त्र पढ़ते हुए 'तिजोरी-बक्से' आदि पर छोड़े।

ॐ  श्री  कुबेराय  नमः । 
अनेन  पूजने  श्री  धनाध्यक्ष -श्री  कुबेर  प्रियतम । 
नमो  नमः ।

मन्त्र अर्थ - श्रीकुबेर को नमस्कार! इस पूजन से श्रीकुबेर भगवान् प्रसन्न हों, उन्हें बारम्बार नमस्कार। 

॥इसके साथ श्री-कुबेर पूजा समाप्त हुयी॥ 

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विशेष सुचना

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