जन्म लग्न से जानिए क्या बीमारी हो सकती है
कुडंली के पहले घर में लिखा अंक लग्न माना जाता है। जैसे कुंडली के बीच में आने वाले घर को पहला घर माना जाता है और वहां जो संख्या अंकित होगी वही आपका लग्न होगा जैसे अगर वहां 1 लिखा है तो मेष लग्न, 2 लिखा है तो वृषभ लग्न और 3 लिखा होगा तो मिथुन लग्न...इसी तरह से 12 राशि के 12 लग्न होंगे। जानिए अपने लग्न से क्या बीमारी हो सकती है आपको...1. मेष लग्न- जिनका जन्म मेष लग्न में हो, उनके रोग का स्वामी बुध स्वयं है। बुध अस्त होने या पाप पीड़ित होने पर एलर्जी, त्वचा रोग, फोड़े-फुंसी, मतिभ्रम जैसे रोग व गले की बीमारी दशा अंतरदशा में देते हैं।
2. वृषभ लग्न- जिनका जन्म वृषभ लग्न में हो, उनके छठे स्थान पर बुध के मित्र शुक्र की राशि तुला होती है। मूत्र रोग, पोस्टेट, प्रमेह आदि रोग होते हैं।
3. मिथुन लग्न- जिनका जन्म मिथुन लग्न में हो, उनके मंगल की राशि वृश्चिक होने से रक्त विकार, उच्च रक्तचाप, स्नायु तंत्र में दोष आदि प्रमुख लक्षण मंगल की दशा अंतरदशा में देते हैं।
4. कर्क लग्न- जिनका जन्म कर्क लग्न में हो, वे जातक प्राय: स्थूल शरीर होते हैं। छठे स्थान पर धनु राशि होने पर मधुमेह, जिगर की बीमारी, पीलिया रोग होते हैं।
5. सिंह लग्न- जिनका जन्म सिंह लग्न में हो उन्हें शनि वात रोग, गठिया, स्नायु रोग, विमंदातात तथा दीर्घकाल तक चलने वाले रोग होते हैं, क्योंकि बुध के मित्र शनि की मकर राशि षष्टम भाव में स्थित है।
6. कन्या लग्न- जिनका जन्म कन्या लग्न में हो उन्हें पांव में चोट, दर्द, राहु-शनि की युति हो तो तकलीफदायी जीभ रोग होते हैं। भ्रम रोग की भी आशंका रहती है।
7. तुला लग्न- जिनका जन्म तुला लग्न में हो उन्हें जलीय बीमारी, मूत्र रोग, मधुमेह, थायराइड, कफजनित रोग, हृदयरोग, राहु शनि का कुयोग होने पर कैंसर जैसी घातक तकलीफ हो सकती है।
8. वृश्चिक लग्न- जिनका जन्म वृश्चिक लग्न में हो उन्हें शस्त्राघात, चोट, ऊपर से गिरना, मूर्छा, सिर रोग आदि मंगल की दशा, अंतरदशा या रोग स्थान स्थित ग्रह की पाक दशा में होते हैं।
9. धनु लग्न- जिनका जन्म धनु लग्न में हो उन्हें कंधों में दर्द, गले में खराबी, पत्नी को कष्ट, गुप्त रोग, यौन रोग आदि प्रकट होते हैं।
10. मकर लग्न- जिनका जन्म मकर लग्न में हो उन्हें चिंता, त्वचा रोग, मानसिक परेशानी व नपुंसकता पीड़ित होने की संभावना होती है।
11. कुंभ लग्न- जिनका जन्म कुंभ लग्न में हो उनके चन्द्रमा का छठे स्थान पर स्वामित्व होने से कफ रोग, हृदय रोग, पागलपन आदि की आशंका बलवती होती है।
12. मीन लग्न- जिनका जन्म मीन लग्न में हो उन्हें सूर्य नेत्र रोग, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, ज्वर रोग, हड्डियों से संबंधित बीमारी आदि होती है। स्थूलता भी देता है।
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