Wednesday, August 26, 2020

HINDU PANCHANG KE PANCH ANG पंचांग के पंच अंग

HINDU PANCHANG KE PANCH ANG पंचांग के पंच अंग


पंचांग शब्द सुनकर यह जिज्ञासा होती है कि इसके पंच अंग कौन-कौन से हैं। पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण को शामिल किया जाता है। तिथियां, प्रतिपदा से पूर्णिमा-अमावस्या सहित, कुल 16 हैं। वहीं अभिजित को मिलाकर कुल 28 नक्षत्र होते हैं। योग की संख्या 27 और करण की 16 है।

वार सात हैं। जन्म के नक्षत्रों से पता चल जाता है कि आदमी किस ग्रह की दशा के प्रभाव में है। नौ ग्रह- केतु, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, राहु, गुरु, शनि और बुध 27 नक्षत्रों के स्वामी हैं। अभिजित नक्षत्र, जो हर दिन दोपहर में सदैव विराजमान होता है, उसका स्वामी सूर्य-चंद्रमा को माना जाता है। देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य विनायक का जन्म शतभिषा नक्षत्र में, भगवान राम का जन्म पुष्य नक्षत्र, तो कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र के स्वामी केतु हैं। शुक्र स्वामी हैं भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा के, वहीं सूर्य कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी और उत्तराषाढ़ा के स्वामी हैं। चंद्रमा राोहिणी, हस्त और श्रवण के स्वामी हैं, तो मंगल मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा के स्वामी हैं। राहु आद्र्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्र के स्वामी हैं, जबकि गुरु पुनर्वसु,विशाखा और पूर्वाभाद्रपद के। शनि पुष्य,अनुराधा और उत्तराभाद्रपद के और बुध अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र के स्वामी हैं। सभी नक्षत्रों के राजा पुष्य हैं।

नक्षत्रों के देवता इस प्रकार हैं- देव वैद्य अश्विनी कुमार अश्विनी नक्षत्र के देवता हैं। भरणी के देवता यम, तो कृतिका के अग्निदेव हैं। रोहिणी के ब्रह्मा, तो मृगषिरा के देवता चंद्रमा हैं। आद्र्रा के देवता रुद्र-शिव, तो पुनर्वसु की देवी अदिति हैं। पुष्य के देवता बृहस्पति और अश्लेषा के सर्प हैं। मघा के देवता पितर, पूर्वा फाल्गुनी के भग और उत्तराफाल्गुनी के अर्यमा हैं। हस्त के देवता सूर्य हैं, चित्रा के विश्वकर्मा व स्वाति के वायु हैं। विशाखा के देवता इंद्राग्नि, अनुराधा के मित्र और ज्येष्ठा के इंद्र हैं। मूल नक्षत्र के देवता निऋर्ित (राक्षस) हैं। पूर्वाषाढ़ा के देवता जल और उत्तराषाढ़ा के विष्वदेव हैं। अभिजित नक्षत्र के देवता सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी हैं। श्रवण के देवता विष्णु और धनिष्ठा के वसु हैं। शतभिषा के देवता वरुण, पूर्वाभाद्रपद के अजैकपाद, उत्तराभाद्रपद के देवता अहिर्बुधन्य और रेवती के देवता पूषा हैं।

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